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Electricity Tariff: करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं की हो गई बल्ले-बल्ले, सरकार ने दी यह बड़ी सौगात

Electricity Tariff Update: करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर सामने आई है। आजकल के इस भाग दौड़ भरे जीवन में बिजली भी हमारा एक अहम हिस्सा बन चुकी है। अगर एक दिन भी हमें बिना बिजली के रहना पड़ जाए तो हमारे लिए काफी मुश्किल है पैदा हो जाएगी। लेकिन दूसरी तरफ बिजली पर लगने वाले टैरिफ से लोगों की जय पर भी अच्छा खासा असर पड़ता है।

टैरिफ के कारण अपनी कमाई का एक हिस्सा हमें बिजली विभाग को देना पड़ता है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को बिजली पर लगाए जाने वाले टैरीफ को लेकर बड़ी राहत दी है।
पाठकों को बता दें कि उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से नया बहुवर्षीय टैरिफ वितरण विनियमन 2025 सरकार द्वारा लागू कर दिया जाएगा।

एक अप्रैल से लागू होने वाले नए बहुवर्षीय टैरिफ वितरण विनियमन 2025 में बिजली उपभोक्ताओं को अब दिन व रात का अलग- अलग टैरिफ नहीं देना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

योगी सरकार ने हटाया निजीकरण संबंधी प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश राज्य में 1 अप्रैल से लागू होने वाले बहुवर्षीय टैरिफ वितरण विनियमन 2025 में निजीकरण संबंधी प्रस्ताव को हटा दिया गया है। इस नियम के लागू होने के बाद विद्युत निगमों द्वारा पहले से नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित नीति के तहत बिजली खरीद की जा सकेगी।

बहुवर्षीय टैरिफ वितरण विनियमन 2025 लागू होने के बाद मनमानी तरीके से बिजली खरीद पर रोक लगेगी। इसके अलावा निगमों को रखरखाव संबंधी खर्च का भी आयोग से अनुमोदन लेना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से भविष्य में बिजली व्यवस्था में सुधार होने के साथ नए प्रावधान में कई ऐसे प्रस्तावों के चलते भविष्य में बिजली दर बढोत्तरी के रास्ते भी खुलते नजर आ रहे हैं।

यह प्रस्ताव 1 अप्रैल 2025 से जारी होकर 2029 तक रहेगा प्रभावित

उत्तर प्रदेश राज्य में 1 अप्रैल 2025 से बहुवर्षीय टैरिफ वितरण विनियमन 2025 लागू हो जाएगा। यह बहु वर्षीय टैरिफ वितरण विनियम 2029 तक प्रभावी रहेगा। पाठकों को बता दें कि विद्युत नियामक आयोग की तरफ से प्रदेश में वर्ष 2025 से 2029 तक के लिए बहुवर्षीय टैरिफ वितरण विनियमन के प्रस्ताव को सुनवाई के लिए जारी किया गया था।

इसमें टैरिफ में ही निजीकरण से जुड़े बिंदुओं को समाहित करने और दिन व रात की बिजली दर अलग- अलग रखने सहित तमाम प्रस्ताव रखे गए थे। विद्युत विनियामक आयोग की तरफ से रखे गए इस प्रस्ताव पर जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आपत्ति दर्ज की थी।

जिसके बाद आपत्तियों पर सुनवाई कर नियामक आयोग द्वारा विनियमन तैयार कर अधिसूचना जारी करने के लिए इस प्रस्ताव को योगी सरकार के पास भेज दिया गया है।

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